Apalak Times

apalak-times-heading

Owner/Director : Pradeep Sahu

Sampadak : Pradeep Sahu

Contact No. : 9755113103

Email Id : apalaktimes61@gmail.com

कभी ऑफिस तो कभी घर:क्या है ‘हाइब्रिड वर्क मॉडल’, कोविड के बाद क्यों हो रहा इतना पॉपुलर

No image
Hybrid work model to stay in 2022 with fine tweaks, say experts

कोविड के बाद कॉरपोरेट से लेकर सरकारी संस्थानों तक का वर्किंग कल्चर बदला है। वर्क फ्रॉम होम के बाद अब ‘हाइब्रिड वर्क’ का जमाना आया है। यह एक ऐसा वर्क कल्चर है जहां कंपनी और एंप्लॉई की सहुलियत के हिसाब से काम का मॉडल तय होता है। मतलब हफ्ते में कुछ दिन ऑफिस में काम तो कुछ दिन घर से काम भी किया जा सकता है या किसी भी जगह से काम किया जा सकता है। दिल्ली में सेंटर फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के फाउंडर डायरेक्टर और करिअर काउंसलर डॉ. संजय सिंह बघेल का कहना है कि जब कोई समस्या आती है तो उसी के पीछे उसका समाधान भी छुपा होता है। हाइब्रिड वर्क उसी समस्या का समधान है। दुनिया डिजिटल होने के बाद जॉब आसान हो गई है। जेंसलर इंडिया वर्कप्लेस के सर्वे के मुताबिक, तीन में से दो व्यक्ति हाइब्रिड वर्क करना चाहते हैं। हाइब्रिड वर्क मॉडल के फायदे बताते हुए डॉ. संजय सिंह बघेल कहते हैं कि अब स्कूल से लेकर आईटी कंपनी तक ऑनलाइन सारे काम निपटा रही हैं। भविष्य में हाइब्रिड वर्क मॉडल ही काम का मॉडल बनेगा। इससे कंपनी की ऑपरेशनल कॉस्ट बचेगी। साथ ही कर्मचारी खुद हाइब्रिड मोड में काम करना पसंद कर रहे हैं।

कोविड के बाद हाइब्रिड वर्क मॉडल पॉपुलर हो रहा है जिसमें घर ही नहीं किसी भी जगह से काम करने की सहूलियत दी जा रही है।

क्या हाइब्रिड वर्क मॉडल भविष्य में काम करने का तरीका होगा?
कोविड के बाद लगे पैंडेमिक में कई कंपनियों ने घर से काम करने को पूरी तरह से लागू कर दिया। तो वहीं, पैंडेमिक हटने के बाद हाइब्रिड वर्क का मॉडल आया। अब कंपनी और एंप्लॉई दोनों ही इस तरह के काम को तरजीह दे रहे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि ऑफिस का काम घर से करने पर महिलाओं के पास दोपहर का समय वापस आया है, तो वहीं, ऑफिस में काम करने पर अभी भी लोगों में झिझक है। कोविड के बाद आए ओमिक्रॉन से भी लोग घबरा रहे हैं और रोज पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आने-जाने से बच रहे हैं। डॉ. संजय सिंह बघेल का कहना है कि हाइब्रिड वर्क से कर्मचारियों के साथ-साथ कंपनी की भी कॉस्ट कटिंग कम हो रही है और काम का यह तरीका दोनों के लिए कंफर्टेबल है।
हाइब्रिड वर्क मॉडल में क्या हैं दिक्कतें?
जिन दिनों में एंप्लॉई को घर से काम करना पड़ता है तो इंटरनेट कनेक्टिविटी का इशु रहता है। साथ ही किसी जरूरी मीटिंग के बीच घर में बच्चे या अन्य सदस्य की वजह से मीटिंग अटेंड करने में दिक्कत होती है। मीटिंग पर फोकस नहीं हो पाता। करिअर काउंसलर डॉ. संजय सिंह बघेल का कहना है कि स्कूली एजुकेशन में अगर ‘हाइब्रिड वर्क’ की बात की जाए तो बच्चों के संपूर्ण विकास में यह वर्क मॉडल कारगर साबित नहीं होगा, क्योंकि बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो जाने से ही उनसे सभी बातें ठीक से नहीं हो पातीं।


जेंसलर इंडिया वर्कप्लेस के सर्वे के मुताबिक, तीन में से दो व्यक्ति हाइब्रिड वर्क करना चाहते हैं।

कंपनी इन बातों का रखें ध्यान
जो कंपनियां ‘हाइब्रिड वर्क मॉडल’ पर आगे भी काम करना चाहती हैं तो उनके सामने आने वाली कुछ चुनौतियों को इन तरीकों से दूर किया जा सकता है।

  • हर छोटे से छोटे प्रोजेक्ट के लिए सभी एंप्लॉई का मीटिंग में शामिल होना अनिवार्य न करें। उसके बजाए कुछ दिन मीटिंग फ्री डे भी बनाए जाने चाहिए, ताकि एंप्लॉइज की प्रोडक्टिविटी भी बढ़े।
  • कर्मचारी काम से खुश हैं या नहीं इस बात का फीडबैक कंपनी उनसे लेते रहें।
  • अच्छा काम करने पर कर्मचारियों को रिवॉर्ड दिया जाना चाहिए। ताकि परफॉर्मेंस और बेहरत हो।
apalaktimes-whatsapp-logoShare

Comments on News

Comments

Hello World! https://apel.top/go/gu4winrshe5dgoju?hs=1373cb2887421b10ff7cf9068c3e53c1&-
01-04-2023 11:29:30
6n7kfn
Hello World! https://racetrack.top/go/hezwgobsmq5dinbw?hs=1373cb2887421b10ff7cf9068c3e53c1&-
08-05-2023 05:48:46
6m4pl6

इन्हें भी देखे

Follow Us

विडियो

Email : mynews@gmail.com
Copyright © 2024 MyNews
wholesale air max|cheap air jordans|pompy wtryskowe|cheap nike shoes| bombas inyeccion|cheap jordans|cheap jordan shoes|wholesale jordans|cheap jordan shoes|cheap dunk shoes|cheap jordans|wholesale jewelry china|cheap nike shoes|wholesale jordans|cheap wholesale jordans|wholesale jerseys|cheap wholesale nike