कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मार्च से जून 2021 तक कहर मचा चुका वायरस का डेल्टा वैरिएंट अब भी सक्रिय है। भुवनेश्वर के जीनोम सीक्वेंसिंग लैब के नतीजे इसकी पुष्टि कर रहे हैं। वहां भेजे गए जितने नमूनों की रिपोर्ट आई है, उसमें सबसे अधिक यही वैरिएंट मौजूद रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जीनोम सीक्वेंसिंग के नमूने लेने, भेजने और वहां जांच के बाद रिपोर्ट आने में 20 दिन से एक महीने तक का वक्त लग रहा है। यह देर संक्रमण के दूसरों तक पहुंच जाने के लिए काफी है। ऐसे में लोगों को ही सावधान रहना होगा।
एपिडेमिक कंट्रोल के डायरेक्टर डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, अब तक भुवनेश्वर लैब को 4 हजार 206 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इसमें से एक हजार 977 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यानी इसमें कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट मिले है। सबसे अधिक एक हजार 343 नमूनों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया है। उसके बाद बी-1 वैरिएंट की संख्या 125 है। ओमिक्रान के 43, काप्पा वैरिएंट के 38 और यूके वैरिएंट के 26 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
डॉ. मिश्रा ने बताया, सैंपल में कुछ और कोरोना वैरिएंट की पहचान की गई है, जो अभी वैरिएंट ऑफ कंसर्न नहीं हैंं। यानी वैज्ञानिकों ने उन्हें कम प्रभावकारी बताया है, जिसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरों का कहना है, जब तक संक्रमण दर बढ़ा हुआ है, वायरस के म्यूटेट होने की संभावना बनी हुई है। फिलहाल बिना जीनोम सीक्वेंसिंग वैरिएंट की पहचान असंभव है।
प्रभावी दिख रहा है टीके का असर
डॉ.
सुभाष मिश्रा का कहना है, यह टीकाकरण का असर हो सकता है कि अचानक तेज
संक्रमण के बाद भी दूसरी लहर जैसी स्थिति नहीं बनी। गंभीर रूप से बीमार
लोगों को छोड़कर सामान्य कोरोना मरीजों को अस्पताल लाने की जरूरत नहीं हुई।
अधिकतर लोग हल्के लक्षणों के साथ प्रभावित हुए और दो से तीन दिनों में ठीक
हो गए। सात दिन के होम आइसोलेशन में ही उनका इलाज हो गया।
एक दिन बाद संक्रमण दर में कमी आई
गुरुवार
को 43 हजार 754 सैंपल इकट्ठे किए गए। वहीं 4 हजार 645 नए मामलों की
पुष्टि हुई। इस मान से संक्रमण दर 10.62% रही। इसके उलट 6 हजार 516 लोगों
को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। अब प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या
केवल 27 हजार 290 रह गई है। एक दिन बढ़े रहने के बाद संक्रमण दर में यह कमी
दर्ज हुई है। 26 जनवरी को संक्रमण दर 15.81% रही। यह तीसरी लहर में
सर्वाधिक थी। 25 जनवरी को भी संक्रमण दर 10% से कुछ ही अधिक थी।
19 मरीजों की मौत, पांच-पांच लोग दुर्ग-रायपुर से ही
गुरुवार
को कोरोना की वजह से 19 मरीजों की जान चली गई। इनमें से 8 मरीजों को केवल
कोरोना के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उनको दूसरी गंभीर बीमारियां
नहीं थीं। दुर्ग और रायपुर जिलाें के पांच-पांच लोगों की जान गई। वहीं
राजनांदगांव और बिलासपुर के 2-2 मरीजों की मौत हुई है। बेमेतरा, धमतरी,
बलौदा बाजार, महासमुंद और कोरबा में भी एक-एक मरीज की मौत दर्ज हुई है।