रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी
रायपुर के गुल्लु (आरंग) मैट्स यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह में
स्नातक के 848, पोस्ट स्नातक के 319, मास्टर आफ फिलासफी (एम. फिल) के सात,
डाक्टर आफ फिलासफी (पीएचडी) के 30 शोधार्थी को डिग्री दी गई। इनमें स्नातक
के 20, स्नातकोत्तर के 15 और मास्टर आफ फिलासफी (एम.फील) के 03
विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से नवाजा गया। इससे पहले दीक्षांत समारोह में
वैदिक मंत्रोच्चार और शंखनाद की गूंज सुनाई दी। विद्यार्थियों ने भारतीय
पारंपरिक परिधान में उपाधि और स्वर्ण पदक ली।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके, प्रमुख वक्ता के रूप
में प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डा. अजीत डोभाल, विशेष
अतिथि उच्च शिक्षा, तकनीकी मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल, मैट्स यूनिवर्सिटी
के कुलाधिपति गजराज पगारिया, कुलपति प्रो. केपी यादव, महानिदेशक प्रियेश
पगारिया, उपकुलपति डा. दीपिका ढांढ, कुलसचिव गोकुलनंदा पंडा आदि मौजूद थे।
कोरोना ने सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों को जन्म दिया : डा. डोभाल
कार्यक्रम
के प्रमुख वक्ता डा. अजीत डोभाल ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि विश्व एक
निरंतर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने
कई सामाजिक, आर्थिक चुनौतियों को जन्म दिया है। यह हमारी युवा शक्ति के
योगदान से ही संभव हो पाया कि भारत ने चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित
कर दिखाया।
किताबी ज्ञान और उपाधि देना ही शिक्षक-धर्म नहीं : राज्यपाल
मुख्य
अतिथि राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि मैट्स विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा
के साथ-साथ सामाजिक कर्तव्यों के निर्वहन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा
रहा है। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है चरित्र का निर्माण करना,
विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान देना और उपाधि देना ही शिक्षक-धर्म नहीं है,
बल्कि उनमें नव-चेतना का जागरण कर उनका सर्वांगीण विकास करना है। हर
शैक्षणिक संस्थान का लक्ष्य होना चाहिए कि देश के विद्यार्थियों को बेहतर
और संपूर्ण इंसान बनाएं। दीक्षांत समारोह का यह क्षण आप सभी के ज्ञान,
आत्मविश्वास और आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने वाला अप्रतिम अवसर है।
हमारा उद्देश्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना
मैट्स
यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति गजराज पगारिया ने कहा कि हमारा उद्देश्य
विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास करना है। पगारिया ने बताया कि सामाजिक
कर्तव्यों के निर्वहन कि दिशा में कार्य करते हुए मैट्स कालेज के अंतर्गत
1600 से अधिक ग्रामीण बच्चों से सिर्फ 15 फीसद फीस ली जा रही है और 85 फीसद
स्कालरशिप का लाभ दिया जा रहा है। इसके पूर्व स्वागत भाषण में कुलपति
प्रो. केपी यादव ने दिया।